औषधीय खजाने से भरपूर इस फल में आखिर ऐसा क्या है, जो इसे खाने ड़रते है लोग ?
औषधीय गुणों से भरपूर, कई रोगों में रामबाण इलाज है गूलर। ज्योतिष, पूजा-पाठ में उपयोगी गूलर या ऊमर एक अतीमहत्व का फल है। ग्रामीण अंचल में यह पौधा झील या नदी किनारे आसानी से देखा जा सकता है। लोगों का कहना है जिस स्थान पर ऊमर (गूलर) का पेड़ होता है वहां जमीन में पानी की प्रचुर मात्रा होती है। इसलिए लोग अक्सर इस पेड के समीप कुआं, बावड़ी या नलकूप खोदते हैं। लेकिन कई गुण होने के बाद भी अधिकांश लोग इस फल को खाने से डरते हैं। खासकर इस फल को फोड़कर या काटकर खाना लोगों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। आखिर इस फल के अंदर ऐसा क्या है ?
आइये इसे जानते हैं, लेकिन यह जानने से पहले हम इस फल के औषधीय गुणों की बात करते हैं। गूलर के न केवल फल अपितु उसकी छाल, पत्ते, जड़ सभी का बड़ा महत्व है ।
आयुर्वेद में बीमारियों और समस्याओं को दूर करने के लिए तमाम ऐसे फल, पौधे और जड़ी-बूटियों के बारे में बताया गया है। अंजीर जैसा दिखने वाला गूलर का फल कई औषधीय गुणों और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। गूलर के दूध के फायदे अनेकों हैं, लेकिन ज्यादातर लोग इसके इस्तेमाल से अनजान हैं। आयुर्वेद के अनुसार गूलर का इस्तेमाल डायबिटीज, ब्लीडिंग, शरीर में जलन और पेशाब से जुड़ी बीमारियों में बहुत फायदेमंद होता है।
नकसीर रोग यह रोग अक्सर गर्मियों में होता है - गर्मियों में अक्सर कई लोगों को नाक से खून निकलने की परेशानी होती है। जिसकी वजह से लोग बहुत
परेशान रहते हैं। इसके उपाय के लिए आप गूलर की छाल को घिस कर तालू में लगाएं। इससे नाक से खून आने की समस्या से राहत मिल सकती है।
रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाता है गूलर- जी हां गूलर के फल में विटामिन बी 2 मौजूद होता है। जो कि रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाने में मदद करते हैं। गूलर के फल के सेवन से हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
शिशु का दुबलापन दूर करने में भी मददगार होता है ।
डायबिटीज के मरीजों के लिए गूलर के फल का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। डायबिटीज की बीमारी से निपटने के लिए, गूलर के फलों के छिलकों को सुखाएं और उन्हें बारीक पीस कर पाउडर बना लें।
वहीं यदि आप बवासीर से परेशान हैं, तो गूलर का फल खाना आपके लिए बहुत लाभकारी हो सकता है।
- कई बार कुछ गलत खाने- पीने से दस्त की शिकायत होने लगती है। दस्त हमारे शरीर को बुरी तरह से तोड़ देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं गूलर के दूध की 5 से 6 बूंदे बताशे में मिलाकर खाने से दस्त की के समस्या से निजात पाया जा सकता है।
मासिक धर्म में भी कारगर है गूलर
- जिन महिलाओं को मासिक धर्म में परेशानी होती है, उन्हें कच्चे गूलर को सुखा कर उस के चूर्ण से फायदा होता है।
गूलर के दूध का इस्तेमाल मस्सों को हटाने के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। इसका लेप मस्सों पर लगाने से कुछ दिनों में मस्से खत्म हो जाते हैं।
फोड़े-फुंसियों की समस्या में गूलर के दूध का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है। फोड़े-फुंसियों पर गूलर के दूध का लेप लगाने से फोड़े-फुंसियां जल्दी ठीक होते हैं।
अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श जरूर करना चाहिए ।
अंजीर जैसे दिखने वाले इस फल को जैसे ही हम फोड़ते या काटते है तभी इस फल से हजारों कीट बाहर निकलने लगते हैं । इस छोटे से फल के अंदर सैकड़ों पंखिया भरी होती हैं । जिन्हें देखकर आपकी आंखे फटी की फटी रह जाएंगी । आप यही सोच रहे हैं कि आखिर कोई इस फल को कैसे खा सकता है। लेकिन ये भी सही है कि लोग ऊमर के औषधीय गुणों के चलते इसे सीधे बिना फोडे खा जाते है। बुंदेल खंड में इस फल को लेकर एक कहावत है ।
ने ऊमर फोड़ो और ने पखा (पंखियां) उडओ।
Amit krishana -9329450806
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