बहिन कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान को सबक सिखाया : भूपेन्द्र सिंह
बहिन कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान को सबक सिखाया : भूपेन्द्र सिंह
मालथौन में हजारों बहिनों से राखी बंधवाई पूर्व गृहमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने
सुरेन्द्र जैन मालथौन।
यह रक्षासूत्र धागा मात्र नहीं है यह विश्वास और संकल्प का प्रतीक है कि जब तक उनका यह भाई जीवित है बहिनों पर कभी संकट नहीं आने देगा। यह नारी सशक्तिकरण का भी मजबूत आधार है। यह बात पूर्व गृहमंत्री, खुरई विधायक श्री भूपेन्द्र सिंह ने रक्षाबंधन पर्व पर उन्हें राखी बाधने आईं बहिनों को संबोधित करते हुए कही।
पूर्व गृहमंत्री खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि रक्षा बंधन हमारी प्राचीन संस्कृति से चला आ रहा पर्व है। महाभारत काल में भगवान श्री कृष्ण की घायल अंगुलि को अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़ कर बांधने वाली द्रौपदी के सम्मान की रक्षा भगवान श्री कृष्ण ने तब की थी जब कौरव द्रौपदी का चीर हरण करना चाहते थे। यह रक्षा सूत्र इसी अटूट भावना के संकल्प और विश्वास का धागा है। जब भी कोई चुनौती आती है तो बहिनें अपने भाई की रक्षा के लिए प्रार्थना करती हैं। युद्ध पर जा रहे भाई की सुरक्षा के लिए भी बहिनें राखी बांधती हैं। पूर्व गृहमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि जब तक बहिनें भी बराबरी से आगे नहीं बढ़ेंगी तब तक समाज आगे नहीं बढ़ सकता। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने बहिनों को हर प्रकार से सशक्त बनाने के लिए अनेक योजनाएं बनाई और सफलतापूर्वक लागू की हैं। इस बार रक्षाबंधन पर 1500 रु लाडली बहिनों को मिले हैं, दीपावली से हर महीने 1500 रुपए हमारे मुख्यमंत्री डा मोहन यादव भेजेंगे। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि आज बहिनें किसी से कम नहीं हैं, वे भी भाइयों की सुरक्षा कर रही हैं। कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कुछ दिन पहले ही पहलगाम हमले में मारे गए भाइयों का बदला पाकिस्तान को सबक सिखा कर लिया है। उन्होंने बताया कि आदिवासी समाज की वीरांगना रानी दुर्गावती और रानी कमलापति का उदाहरण हमारे सामने है। अपने बेटे को युद्ध पर भेज कर पराजय का संकेत पाकर रानी कमलापति ने अपने संकल्प के अनुसार जलसमाधि लैकर प्राण न्यौछावर कर दिए लेकिन मुगल शत्रु उन्हें छू भी नहीं सके। रानी अवंती बाई और रानी लक्ष्मीबाई, रानी अहिल्याबाई की वीरता और संकल्प को आज भी स्मरण किया जाता है। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि यह मां दुर्गा,माता पार्वती का देश है जिन्होंने राक्षसों का संहार किया। हम अपने देश को भी भारत माता का स्थान देते हैं और कन्याओं को देवी रूप में पूजते हैं। ऐसी मेरी सभी बहिनों का रक्षाबंधन की शुभकामनाओं के साथ अभिनंदन है। पूर्व गृहमंत्री खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि यहां बहुत सी गरीब बहिनें बैठी हैं जिनके अधिकारों की मैं लड़ाई लड़ रहा हूं। मालथौन की आदिवासी समाज के अनेक परिवार ऐसे हैं जिनकी जमीनों पर कुछ लोगों द्वारा कब्जे किए गए हैं। दबाव और साजिशें करके गरीब आदिवासियों की जमीनों को लिखवा लिया गया है। मालथौन में हुए विकास कार्यों से यहां जमीनों की कीमत एक करोड़ रुपया एकड़ पहुंच चुकी है लेकिन बहुत से आदिवासी परिवारों ऐसे हैं जो ढाई तीन या पांच एकड़ जमीन के मालिक होने पर भी फटे कपड़े पहने मजदूरी कर रहे हैं। उनकी जमीनों पर जिनके कब्जे हैं वे आलीशान गाड़ियों में घूम रहे हैं। मालथौन में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके पास 40/50 एकड़ सरकारी जमीनों पर कब्जे हैं। सरकारी जमीनों के प्लाट काट कर बेचते हैं। सरकारी जमीनों पर दूकानें बना कर किराये पर चला रहे हैं। अपनी बहिनों के सामने यह संकल्प है कि मैं एक एक इंच सरकारी जमीनों को कब्जे से मुक्त कराके गरीबों के आवास के लिए पट्टे बटवाऊंगा। सरकारी जमीनों पर बनी दूकानों का कब्जा नगर परिषद को दिलाऊंगा और वहीं उनका किराया जमा होगा। उन्होंने कहा कि लोगों के पास 30 बाय 30 फुट की रहने की जमीन नहीं वहां आधा आधा एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा करके कुछ लोगों के घर बने हैं। उन्होंने कहा कि जब तक आपका यह भाई जिंदा है एक एक इंच सरकारी जमीन से कब्जा हटवाऊंगा । उन्होंने कहा कि मालथौन के एक परिवार से 20 एकड़ जमीन मुक्त कराई जा चुकी है,20 एकड़ और सरकारी भूमि उसके कब्जे में बची है जिसे शीघ्र ही मुक्त कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि बिजली आफिस के पास मुक्त कराई गई एक एकड़ सरकारी जमीन की फेंसिंग हो चुकी है उस पर नगर परिषद का कार्यालय बनाया जाएगा। पूर्व गृहमंत्री, खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि पिछले दस साल में मैंने लोगों की जिंदगी बदल दी और कुछ लोग मेरे खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं। जब गरीबों के लिए लड़ाई लड़ते हैं तब षड्यंत्र शुरू हो जाते हैं। यहां मालथौन में पानी कुप्पियों में बिकता था। आज यहां कालेज, अस्पताल, स्टेडियम, आडिटोरियम, तहसील भवन, न्यायालय, कृषि उपज मंडी, पार्क, बसस्टैंड सब कुछ है। जिस मालथौन में पहले बच्चियों की शादियां करने लोग हिचकते थे आज यहां विकास के कारण जमीन की कीमत एक करोड़ रुपये पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि हमने यहां जो भी विकास किया वह गरीबों को ध्यान में रखते हुए किया है। दस हजार आवासीय पट्टे यहां बांटे गए हैं। और बांटे जाएंगे। उन्होंने बहिनों से कहा कि आपने मेरे हाथ पर जो रक्षासूत्र रखा है उससे मैं और दृढ़ संकल्पित हो गया हूं।
पूर्व गृहमंत्री, खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह को सबसे पहली राखी सीपुर की भूरीबाई आदिवासी, श्रीबाई आदिवासी, पुष्पाबाई आदिवासी और मालती अहिरवार ने बांधी। उसके बाद डेढ़ हजार से अधिक बहिनों ने राखी बांधी।
Comments
Post a Comment