रुद्राक्ष धाम में प्रसिद्ध भजन गायक हंसराज रघुवंशी व वैशाली की भजन संध्या हुई
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन सोलह कलाओं का प्रतिबिम्ब-कैबिनेट मंत्री श्री प्रहलाद पटेल
रुद्राक्ष धाम में प्रसिद्ध भजन गायक हंसराज रघुवंशी व वैशाली की भजन संध्या
सागर। मध्यप्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटैल ने भगवान श्रीकृष्ण का उल्लेख करते हुये कहा कि उनका जीवन सोलह कलाओं का प्रतिबिम्ब था। हम उनके बताये एक भी रास्ते पर चल पाये तो यह बहुत बड़ी बात है। भगवान कृष्ण की हम सब कृपा बनी रहे। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण के जीवन से हमें बहुत संदेश मिलते है। अहंकार एक ऐसी चीज है जो हमें सही मार्ग पर चलने नहीं देती।
रुद्राक्ष धाम बामोरा में आयोजित श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह के मुख्य अतिथि श्री प्रहलाद पटेल ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर आयोजित पवित्र और दिव्य महोत्सव के आयोजन हेतु पूर्व गृहमंत्री एवं विधायक भूपेन्द्र सिंह का आभार व्यक्त किया। साथ ही युवा नेता अविराज सिंह के द्वारा कंठस्थ प्रस्तुत किये वेंकटेश्वर स्त्रोत के लिये सराहना की। उन्होंने कहा कि हम सब हंसराज रघुवंशी जी को सुनने आये है। इसलिये यहां ज्यादा कुछ नहीं बोलूगां। आज जन्माष्टमी है और अपने उद्बोधन में भूपेन्द्र जी ने जो बातें कहीं है उन्हीं को मैं आगे बढ़ाता हूँ। एक दो बातें नहीं बल्कि सौ गालियां सुनने का सामर्थ्य जिसमें है, उसे कृष्ण कहते है। कालिया नाग का जिक्र कर उन्होंने कहा कि जिसने मौत के सिर पर नृत्य किया हो उसे कृष्ण कहते है। सारा सामर्थ्य हो लेकिन सुदामा से मित्रता जिसने की हो उसे कृष्ण कहते है। हम सब जानते है, हम चीजों को समझते है, लेकिन हमारा अहंकार हमें स्वीकार्य नहीं करने देता। अहंकार ऐसी चीज है जो हमको उस मार्ग पर चलने नहीं देती। कृष्ण ने जब दुर्योधन से कहा कि तुम्हें न्याय और अन्याय का फर्क समझ में नहीं आता, तब दुर्योधन ने कहा था कि माधव, मैं न्याय और अन्याय को जानता हूँ। लेकिन न्याय की मेरी प्रवृत्ति नहीं है। जीवन में आज भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन रूपी पुण्य दिवस पर यहां मौजूद है। उन्होंने इस बात के लिये पूर्व गृहमंत्री एवं विधायक भूपेन्द्र सिंह की सराहना की, जो उन्होंने रूद्राक्ष धाम जैसे धर्म स्थल को बनाने में बेशकीमती जमीन दान की। जन्मोत्सव समारोह में स्वागत वक्तव्य देते हुये पूर्व गृहमंत्री, विधायक श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने विषैले नाग पर नृत्य करके यमुना नदी के विष को समाप्त कर स्वच्छ नदी लोगों को देने का काम किया। भगवान श्रीकृष्ण को कालियानाग को मारना कोई बड़ा काम नहीं था। उन्होंने कालियानाग को मारकर यह संदेश दिया कि जल का हमारे जीवन में कितना महत्व है। गोवर्धन पर्वत उठाकर एक तरफ जहां इंद्र का अभिमान समाप्त किया। भगवान श्रीकृष्ण ने यह संदेश दिया कि गोवर्धन पर्वत हमारे पर्यावरण के लिये आवश्यक है। भगवान श्रीकृष्ण ने ग्वाला बनकर गौ संरक्षण का भी संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि आज हम जन्माष्टमी मना रहे है और जिसके सारथी स्वयं भगवान श्रीकृष्ण हों, उसका कौन क्या बिगाड़ा सकता है। इसलिये भगवान को अपना सारथी बनाओं उनके चरणों में अपना जीवन गुजार दो। उन्होंने हमें धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश दिया है। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं जीवन हो या युद्ध, सफलता केवल तीन शस्त्रों से प्राप्त होती है। पहला है धैर्य, दूसरा धर्म और तीसरा है साहस। भगवान श्रीकृष्ण योगेश्वर थे और आज की बात करें तो श्री प्रहलाद पटैल जी योगेश्वर से कम नहीं है। उन्होंने एक संत, साधु, तपस्वी के वेश माँ नर्मदा की है। ऐसा माना गया है कि हमारे देश में सिर्फ माँ नर्मदा की प्ररिक्रमा होती है। जो माँ नर्मदा की परिक्रमा कर लेता है तो समझों उन्हें मॉँ नर्मदा के दर्शन हो गये। श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि श्री प्रहलाद पटैल जी संघर्ष, सादगी, सरलता की प्रतिमूर्ति है। वे ऐसे राजनेता है, जो भारत की राजनीति में स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के मंत्रिमंडल में रहे और माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार में भी मंत्री रहे। सरकार में रहते हुये उन्होंने पर्यटन, पर्यावरण, जल संरक्षण, नदियों का संरक्षण, जलजीवन मिशन जैसे क्षेत्रों में बहुत काम किया है, आज भी कर रहे है। उन्होंने लोकसभा में निजी विधेयक प्रस्तुत कर गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने का मामला उठाया बाद में हमारी सरकार ने उस पर काननू बनाया। जो राजनेता होता है वह समाज के कल्याण के बारे में सोचता है। भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि आज उनके पिताजी का भी जन्मदिन है और मैं उनके चरणों में प्रणाम करता हूँ। जिन्होंने मंदिर के लियें 25 एकड़ जमीन दान में दी जो आज रूद्राक्ष धाम के रूप में है। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह में युवा नेता श्री अविराज सिंह ने वेंकटेश्वर स्त्रोत प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म की स्थापना, नीति, जनकल्याण के लिये जन्म लिया था। जिन्होंने संदेश दिया है कि कोई भी व्यक्ति जन्म से नहीं कर्मो से पूजा जा सकता है। उन्होंने अहंकार का विरोध किया है। फिर चाहे वह इंद्र का हो या दुर्योधन हों उनका अहंकार समाप्त किया है। अविराज सिंह ने कहा कि हम सभ युवा श्रीमद्भागवत गीता को पढ़े। जिसमें जीवन के हर प्रश्न का उत्तर है। समारोह में सागर विधायक ने भी अपने विचार व्यक्त किये। महोत्सव के प्रारंभ में पूर्व गृहमंत्री, पूर्व सांसद, खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह ने रुद्राक्ष धाम मंदिर प्रांगण में श्री देव हनुमान जी व भगवान श्री राधा कृष्ण जी के दर्शन किए। रुद्राक्ष धाम मंदिर में भगवान श्री बांके बिहारी जी की संगीतमय आरती में श्री भूपेन्द्र सिंह ने परिवार सहित हिस्सा लिया। तत्पश्चात उन्होंने अपने आध्यात्मिक गुरू बैकुंठ वासी श्री देवप्रभाकर शास्त्री जी के चित्र व पूज्य पिता स्व. श्री अमोल सिंह जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर जन्माष्टमी महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत की। बामोरा स्थित रुद्राक्ष धाम में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव में रंगारंग प्रस्तुतियों के मुख्य आकर्षण प्रख्यात भजन गायक हंसराज रघुवंशी ने जय शिव शंकर हरिओम, शिव शिव शिव शंभू, महादेव शंभू, शिव समा रहे मुझमें और मैं शुन्य हो रहा हूं, ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया, भगवान श्री राम का भजन- अयोध्या आए मेरे प्यारे, राम बोलो जय जय श्री राम, गोविंदा गोपाला हरे कृष्ण हरे नंद लाला ,लागी मेरी तेरे संग लगी ओ मेरे शंकरा.... जैसे सुपरहिट भजन गाये। प्रातः आठ बजे महोत्सव की शुरुआत उज्जैन के भस्म रमैया भक्त मंडल डमरू दल की प्रस्तुति से प्रारंभ हुई। इस प्रस्तुति मे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के आयोजक पूर्व गृह मंत्री, विधायक श्री भूपेन्द्र सिंह ने स्वयं भी झांझर बजाया। महोत्सव के प्रथम चरण में राधे-राधे मंडल द्वारा भजनों की प्रस्तुति हुई। श्री गणेश वंदना की सामूहिक प्रस्तुति, गुदुम्ब बाजा प्रस्तुति, खरगोन से पधारे संजय महाजन द्वारा “बांके बिहारी कजरारे तोरे नैन“ भजन पर एकल नृत्य और “चलो रे वृन्दावन“ भजन पर सामूहिक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। मंडला से आए सांस्कृतिक दल की श्री राधा कृष्ण जी नृत्य के मनमोहक दृश्य ने रुद्राक्ष धाम मंदिर प्रांगण का वातावरण मथुरा और वृंदावन के सदृश्य निर्मित कर दिया। लीलाधर रैकवार ने “कन्हैया देखत को हलको सो“ एवं अन्य गीतों के साथ अपनी टीम सहित ढिमरयाई नृत्य की प्रस्तुति दी। मुस्कान साहू और सुभानी ने “कान्हा बरसाने आ जईओ“ गीत पर राधा कृष्ण नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। द्वितीय चरण में इंडियन आइडल,लिटिल चैंप,सारेगामा में ख्याति प्राप्त गायिका वैशाली रैकवार ने भगवान गणेश जी की स्तुति “देवा श्री गणेशाय देवा“ पश्चात “मच गया शोर सारी नगरी में, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, राधे राधे रटो चले आंएगे बिहारी, सारी दुनिया में आनंद छायो, कान्हा को जनम दिन आयो, वृन्दावन में धूम मचाये ,आज बृज में होली रे रसिया, सहित अनेक भजन और गीत गाये, जिन पर उपस्थित विशाल जन समुदाय ने जमकर नृत्य किया। महोत्सव के अगले चरण में बधाई नृत्य, श्रीकृष्ण रासलीला, फूलों की होली और मयूर नृत्य, बरेदी नृत्य,कालवेलया नृत्य, के पश्चात रात्रि 12 बजे धूमधाम से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। बामोरा स्थित रुद्राक्ष धाम में यह महोत्सव सत्रह घंटे से अधिक समय में सम्पन्न हुआ।
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