नेशनल हाइवे पर शव रखकर परिजनों का चक्काजाम, आरोपियों पर कार्रवाई की मांग

मारपीट की घटना के बाद युवक की इलाज के दौरान मौत से भारी आक्रोश, नेशनल हाइवे पर शव रखकर परिजनों ने लगाया चक्काजाम

सुरेन्द्र जैन मालथौन। 

बांदरी थाना अंतर्गत नेशनल हाइवे 44 पर शव रखकर परिजनों व ग्रामीणों द्वारा चक्काजाम लगा दिया। मौके पर आसपास के थानों की भारी पुलिस बल पहुचा ,परिजनों व ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्य्याप्त रहा। इस दौरान पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह भी पहुचे ,उन्होंने परिजनों को समझाइस दी दोषियों के विरुद्ध कढ़ी कार्रवाही होगी, हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया, लेकिन उनकी बात भी परिजन नहीं माने। करीब छह घण्टे नेशनल हाइवे चककजाम के कारण ठप रहा ,बीस बीस किलोमीटर दूर तक वाहनों की कतार लग गई।

परिजनों द्वारा पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए बताया कि मारपीट की घटना की रिपोर्ट की, पीड़ित इधर से उधर घुमाया गया लेकिन पुलिस ने दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई दर्ज नहीं की गई ,जिस कारण परिजनों में पुलिस प्रशासन के खिलाफ भारी रोष सामने आया। आक्रोशित लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे लगाए। बांदरी थाना क्षेत्र के रजवांस निवासी दामोदर सेन के साथ कुछ रोज पूर्व आरोपियों द्वारा मारपीट की घटना को अंजाम दिया था। दामोदर सेन को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान मौत हो गई। जिसके बाद परिजन शव लेकर रजवांस पहुचे, उन्होंने नेशनल हाइवे पर शव को रखकर चक्काजाम लगा कर, इंसाफ की मांग करने लगे | पीडित पक्ष के लोगों का कहना है कि मृतक के छोटे छोटे बच्चे इनका भरण पोषण कैसे होगा इनकी जिम्मेदारी कौन लेगा। इस दौरान एक महिला अधिकारियों से बोली इंसाफ नहीं दे सकते इन बच्चों को मार डालो। जिस पर अधिकारी बोले इंसाफ जरूर मिलेगा शासन स्तर हर सम्भव मदद करेंगे। आरोपियों के विरुद्ध कढ़ी कार्रवाही की जाएगी।  हाइवे पर छह घण्टे से ज्यादा घटना क्रम चला। फोरलेन सड़क के दोनों और वाहनों की लंबी लंबी कतारें लगी रही। करीब दोनों और बीस किलोमीटर तक जाम लगा रहा। युवक से किन कारणों से मारपीट की घटना जिसका स्पष्ठ रूप से वजह सामने आ पाई। एसडीएम मनोज चौरसिया के आश्वशन के बाद परिजन व ग्रामीण चककजाम हटाने को कढ़ी मशक्कत के बाद माने तब कही जाकर मार्ग बहाल हो सका । मौके पर एसडीओपी, एसडीएम सहित आसपास के थानों की पुलिस मौजूद रही। 

एसडीएम मनोज चौरसिया ने बताया मर्डर की घटना को लेकर चककजाम था। मृतक के छोटे छोटे बच्चे है। उनकी जिम्मेदारी कौन उठायेगा। जिसको लेकर, इनकी मांग थी। शासन स्तर पर भरपूर मदद का आश्वांसन दिया गया। अंतिम संस्कार के लिए पांच हजार रुपये की मदद दी गई।

Comments

Popular posts from this blog

कलेक्टर की सख्त कार्य प्रणाली के बाद भी नहीं सुधरे शिक्षक, दो दिन के निरीक्षण में 31 शिक्षक और 16 अतिथि शिक्षक मिले गायब

तीन दिन में पांच सौ एकड़ जमीन कब्जे से मुक्त करा ली वन अमले ने