राजेन्द्र दास महराज, किशोर दास, पहुंचे भगवत रसिक की जन्म स्थलीय गढ़ाकोटा
300 वर्ष पहले हुआ था रसिक जी का गढ़ाकोटा में जन्म बृज भक्त माल में है उल्लेख
गढ़ाकोटा को धाम कहा संतों ने
जगदीश शाला महंत ने दान की दो एकड़ भूमि संतों के हाथ से हुआ भूमि पूजन नेता प्रतिपक्ष रहे मौजूदरवि सोनी गढाकोटा। सोमवार की देर शाम राष्ट्रीय संत जगतगुरु द्रोणाचार्य मलूक पीठाधीश्वर महंत राजेंद्र दास एवं देवाचार्य अनंत विभूषित किशोर दास जी महराज के साथ अन्य संतों का गढ़ाकोटा आगमन मे हुआ। जो पहले सुनार नदी तट पर स्थित गणेश मंदिर, जानकीरमण मंदिर होते हुए पटेरिया स्थित जगदीश शाला मंदिर पहुंचे। जहां संतों की आगवानी जगदीश शाला मंदिर महंत हरिदास जी एवं गूदर शाला मंदिर महंत कमलापत दास जी के साथ नेताप्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने की। जहां श्रृद्धालुओ द्वारा गढाकोटा पधारे संतों का भव्य स्वागत किया गया।
मलूक पीठाधीश्वर महंत राजेंद्र दास जी एवं देवाचार्य किशोर दास जी महराज द्वारा गढ़ाकोटा आने के संबंध में कहा गया कि गढ़ाकोटा धाम है जहां 300 वर्षो पूर्व हमारे बृंदावन के स्वामी हरिदास जी की परम्परा के आचार्य भगवत रसिक देव महराज का जन्म स्थान है। जिनकी रज को हम सभी संत अपने मस्तिष्क पर धारण करने एवं उनकी स्मृति में यहां उनका यहां क्षेत्र कुंज स्थापित हो यह उद्देश्य लेकर आये है। क्योंकि हम लोगो को गढ़ाकोटा किसी धाम से कम नहीं जहां स्वयं भगवत देव रसिक जी का जन्म हुआ था। इस बात का उल्लेख प्रमुख ग्रंथ बृज की भक्त माल में है जिसमें गढ़ाकोटा में 300 वर्ष पूर्व भगवत देव रसिक जी का जन्म स्थान बताया गया है। अत: गढ़ाकोटा किसी धाम से हम लोगो को कम नहीं इसलिए देव रसिक जी के जन्म स्थान पर संतों के सानिध्य में एक भव्य मंदिर व एक साल के अंदर भक्त माल की कथा के प्रयोजन में आना हुआ है। जिसमें मंदिर के लिए दान दी गई दो एकड़ भूमि का भूमिपूजन पुख्य नक्षत्र में किया गया है। इस अवसर पर स्थानीय विधायक व नेताप्रतिपक्ष गोपाल भार्गव अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे इस वारे में कोई जानकारी नहीं थी पर जब स्वयं भगवान के अनन्य भक्त देव रसिक जी का इस नगर में जन्म स्थान है और जिन्होंने ब्रह्माह, विष्णु, महेश के आग्रह पर भी देव लोक न जा के वृद्धावन धाम चुना उनके जन्म स्थान गढ़ाकोटा को धाम बनाने के लिए जो भी होगा करूंगा। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव द्वारा संतों को भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा भेट की गई। वहीं जगदीश शाला मंदिर महंत हरिदास जी द्वारा संतों के आगमन पर बताया गया कि सागर में चल रही कथा में संत राजेन्द्र दास जी महराज द्वारा अपने कथा में बार बार श्रृद्धालुओ से कहा गया कि गढ़ाकोटा धाम है जहां स्वयं भगवान के अनन्य भक्त रसिक देव जी का जन्म स्थान है इसलिए संतों का आगमन हुआ था जिन्होंने ने अपनी भक्ति से भगवान श्रीकृष्ण को प्रकट किया था साथ ही जिनकी यमुना जी से बातें होती थीं जिनके मंदिर गढ़ाकोटा में बनना है तो मेरे द्वारा दो से ढाई एकड़ जगह मंदिर के लिए दान दी गई और संतों की उपस्थिति में पुंख्य नक्षत्र में भूमि पूजन कराया गया है इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष भरत चौरसिया, नगर पालिका उपाध्यक्ष मनोज तिवारी के साथ बड़ी संख्या में श्रृद्धालुओ मौजूद थे। मंच संचालन शिवदत्त शुक्ला ने किया।
Comments
Post a Comment